Wednesday, August 18, 2010

इंडिया नीड्स वेक्सिन ऑफ़ करप्सन ...



आज देश और समाज सरकार के निकम्मेपन द्वारा प्रायोजित तथा संरक्षित भ्रष्टाचार के वजह से भ्रष्टाचार और सामाजिक अनैतिकता जैसे गम्भीर रोग से बुडी तरह पीड़ित है  |


जिसके निदान के लिए हमारी इमानदार स्वास्थ्य शोधकर्ताओं के समूह से तथा बेहद इंसानी सोच वाले चिकित्सा क्षेत्र के छात्र और छात्राओं से आग्रह है क़ी वो एक ऐसे टीके का अविष्कार करने के लिए समर्पित होकर काम करें जिस टीके को लगाने के बाद शरद पवार जैसा भ्रष्ट मंत्री भी इमानदार हो जाय और देश व समाज हित में काम करने लग जाय | अगर किसी व्यक्ति या किसी दैविक शक्ति के प्रेरणा से भी ऐसे टीके क़ी खोज कर ली जाती है तो इससे इंसान के सभी बिमारियों का इलाज हो जायेगा |  ऐसे टीके का अविष्कार करना बहुत ही जरूरी हो गया है | एक बात और है इस टीके क़ी खोज अगर होगी तो सिर्फ भारत में ही और भारतीय लोगों के ही द्वारा लेकिन इस दिशा में प्रयास ही नहीं किया गया |


अगर ऐसा होता है तो निश्चय ही इस टीके को मंत्रिपद क़ी शपथ लेते वक्त  मंत्रियों को और अधिकारियों को पदभार ग्रहण करने वक्त लगाकर ना सिर्फ इस देश और समाज को बल्कि पूरी इंसानियत को बचाया जा सकता है ,फ़िलहाल जबतक इस टीके का अविष्कार और खोज होता है तब तक एक दूसरे प्रकार के व्यवहारिक टीके का प्रयोग अगर इस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चाहें तो करके इस देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला सकते हैं ...

 रोग -
1 - 99% मंत्री द्वारा देश और समाज के साथ गद्दारी जिसके वजह से उनके पास आवारा पूँजी के आ जाने से उनमे तथा उनके बच्चों में चरित्रहीनता,आपराधिक प्रविर्ती,भ्रष्टाचारियों और अपराधियों को बेशर्मी क़ी हद तक संरक्षण ,कार्य में गुणवत्ता का घोर अभाव तथा अंग्रेजों से भी बदतर तानाशाही दिमाग का पनप जाना आम है ..



बैकल्पिक निदान - ह़र मंत्री को ह़र तीन महीने पर एक ऐसे टीके लगायें जायें जिससे उनमे इंसानियत जिन्दा रहे जिसके शोध के लिए हमने ऊपर अपील क़ी है | लेकिन  तब  तक बैकल्पिक इलाज के लिए ह़र मंत्री को उसके विभाग से सम्बंधित सबसे निचले स्तर पर ह़र वर्ष कम से कम तीन महीने सख्ती से कार्य कराया जाय |



जैसे शरद पवार को बाढ़ या सूखाग्रस्त क्षेत्रों में साल के तीन महीने रहकर खेतों में कृषि कार्य करना अनिवार्य कर दिया जाय | ऐसा नहीं करने पर मंत्री पद से हटा दिया जाय | संचार मंत्री को देश में ह़र गांवों और शहरों क़ी बस और ट्रेन से यात्रा कर संचार क्षेत्र में आ रही लोगों क़ी दिक्कतों और मोबाईल ऑपरेटरों द्वारा ठगे जाने क़ी शिकायत ह़र घर जाकर लिखने और उसके समाधान के सुझावों क़ी विडियो रिकोर्डिंग  कर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पँहुचाने के काम में लगाया जाय |


देश भर के लोगों के विचारों और  सुझावों के आधार पर संविधान संशोधन कर इस टीकाकरन को लागू किया जाय और मंत्री पद क़ी शपथ के वक्त इस आशय के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर भी कराया जाय | इन तीन महीने के टीकाकरण के दौरान इनको सिर्फ सुरक्षा मुहैया कराया जाय बाकि कोई भी मंत्री पद वाली सुविधा इन्हें नहीं मुहैया कराया जाय | क्योंकि जिस व्यक्ति को मुफ्त का सुख हमेशा उपलब्ध होता है उसकी इंसानी सोच मरकर संवेदनहीन होने क़ी 99% संभावना है | आज ज्यादातर मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों में भ्रष्टाचार तथा निगरानी व्यवस्था के अभाव में यह लक्षण आम है |


Wednesday, August 11, 2010

दिल्ली को अपराध मुक्त करना है तो देश के गृह मंत्रालय को स्पेशल टास्क ग्रुप बनाना होगा इसके लिए ....


दरअसल दिल्ली में अपराध क़ी प्रमुख वजह ज्यादातर भ्रष्ट विधायकों और सांसदों के वो प्रतिनिधि हैं जिनकी रोजी रोटी ही अपराधियों पर आधारित है | इस दिशा में गंभीरता से सोचने क़ी जरूरत है लेकिन ना तो गृहमंत्रालय और ना ही पुलिस का अपराध अनुसन्धान इस दिशा में किसी ठोस एक्सन प्लान बनाने पर विचार कर रहा है |

दरअसल ऐसे तथाकथित विधायक और सांसद प्रतिनिधि समाज में उस कोढ़ क़ी तरह हैं जिनकी वजह से पूरा समाज अपराधियों के खुलेआम अपराध से कराह रहा है | इनके लिए कानून क़ी कोई अहमियत नहीं है ,सरकारी योजनाओं जैसे सड़क,भवन,स्वास्थ्य सुरक्षा योजना इत्यादि सभी जनकल्याणकरी योजनाओं में लूट और घपला कराने के मध्य में यही होते हैं | इनकी सरकारी कार्यालयों में इतनी पहुँच होती है क़ी ह़र गलत और फर्जी काम को मिनटों में करवाना इनका बायें हाथ का काम है | अगर कोई इमानदार अधिकारी इनके फर्जी कामों में टांग अराता है तो ये उसकी या तो तबादला करा देते हैं या उनको धमकाते हैं ,पुलिस के SHO स्तर के अधिकारी इनके इशारों पे नाचते हैं इनके सामने इमानदार किस्म के SHO भी अपने आपको लाचार और मजबूर पाते हैं | पुलिस के भ्रष्ट  उच्च अधिकारी भी इनके प्रभाव में होते हैं पैसे और ऐय्यासी के साधन मुहैया कराने की वजह से लेकिन इमानदार IPS से ये थोडा बहुत खौप खाते हैं |

इनका प्रमुख अपराध निम्न प्रकार का है ....

अपराधियों को अपराध करने के लिए प्रेरित करना जिससे समाज में भय और आतंक का वातावरण के साथ-साथ आपसी मेलजोल में संदेह पैदा हो तथा अपराधियों को हर-हाल में सुरक्षा देना .....

दूसरे राज्यों से आये अपराधियों को अपने प्रभाव से सुरक्षित रहने और खाने की व्यवस्था करना तथा अपराध को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए हर तरह की सहायता मुहैया करना ....

अवैध निर्माण को हर तरह से संरक्षण देना ,DDA तथा अन्य सरकारी मकानों तथा जमीनों का अवैध रूप से आवंटन करना ..


किसी के जमीन और मकान पर अवैध कब्ज़ा करना और करवाना ...

अकेले और बुजुर्ग लोगों की हत्या कराकर उसके संपत्ति को हरपना या उन्हें डरा-धमकाकर  कम कीमत पर अपना मकान बेचने के लिए मजबूर करना ....



विधायक और सांसद योजनाओं में फर्जी लोगों को ठेका दिलाकर उसमे मोटी कमाई करना फर्जी नामों से ऋण वगैरह की निकासी का काम करना ....


लोभी-लालची व आपराधिक आचरण वाले तथा नकली खाद्य पदार्थों का उत्पादन तथा व्यवसाय करने वालों के खिलाप हर कार्यवाही को अप्रभावी बनाने का काम करना और ऐसे गैर कानूनी धंधों को प्रोत्साहन देकर उसमे अपना हिस्सा खाना तथा पूंजी निवेश भी करना...


अपने इलाकों में चोरी,लूट,हत्या,हमला जैसे घटना की पूरी प्लानिंग करना तथा उसे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सफलता पूर्वक अंजाम देना तथा उसका F .I .R नहीं होने देना .... 

स्थानीय प्रशासन को भी अपने विधायक और सांसद प्रतिनिधि का वास्ता देकर हर गलत कार्य जैसे झूठे पहचान पत्र,रासन कार्ड इत्यादि बनवाने का काम करना और अपराधियों के सुरक्षा का बंदोबस्त करना तथा आपराधिक आचरण वाले लोगों को निचले स्तर के स्थानीय चुनाव में जिताने का प्रबंध करना |


इनमें कुछ तो ऐसे भी हैं जो भ्रष्ट जनप्रतिनिधि के पैसों और उनको चुनाव में फायदा पहुँचाने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़तें हैं | इन लोगों का कमाई का कोई जरिया नहीं होने के बाबजूद इनके पास कई महँगी गाड़िया ,बंगला इत्यादि की भरमार है ,इनके बच्चे महंगे निजी स्कूलों में पढ़ रहें हैं |


ऐसे लोगों के गतिविधियों को रोकने के लिए समर्पित और बेहद इमानदार पुलिस तथा इंटेलिजेंस अधिकारियों के टीम की जरूरत है जिससे इनके खिलाप ठोस सबूतों को इकठ्ठा कर इनको सजा दिलाया जा सके | गृह मंत्रालय के अपराध अनुसन्धान को इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा ,अन्यथा दिल्ली में अपराध और अपराधियों में कमी नहीं हो सकती है | ये सिर्फ अपराधी नहीं बल्कि देश और समाज के सबसे खतरनाक दुश्मन हैं | इनके हर गतिविधियों पे नजर रखने की जरूरत है क्योंकि अब इनके पास अपराध व राजनीती की ताकत के साथ-साथ असीमित दौलत भी है |


Monday, August 9, 2010

इस देश में गरीबी ,बेरोजगारी और भूखमरी बढ़ने के असल कारण जानिए ......

इसकी कहानी में कई छेद है तो देश की अर्थव्यवस्था का क्या कहना ..?
अभी तक मैं इस तलाश में भटक रहा था क़ी सभी साधनों और संसाधनों के बाबजूद हमारे देश और समाज क़ी इतनी बुरी हालात क्यों है ? अब जाकर लखनऊ के राकेश कुमार सिंह और मुंबई के अनिल खत्री (RTI कार्यकर्त्ता) के अथक प्रयास और देश भक्ति से भरे सोच क़ी वजह से इसका मुझे पता चल सका है |

आप भी इस लिंक पर जाकर पढ़िए    

http://www.saveindianrupeesymbol.org/2010/06/violation-guidelines-indian-rupee.html


अब पढने के बाद आप भी सहज अनुमान लगा सकते है क़ी जिस देश का वित्त मंत्रालय रूपये के प्रतीक चिन्ह  क़ी  तलाश में भी सारे नियम-कायदों क़ी अनदेखी कर थोड़ी सी भी ईमानदारी और पारदर्शिता को नहीं अपना सकता है तो उस  वित्त मंत्रालय से  देश क़ी  अर्थ  व्यवस्था को  ईमानदारी  से  चलाने क़ी आशा कैसे क़ी जा सकती है ? 
इस छोटी सी प्रतियोगिता में इतने छेद हैं तो पता नहीं जहाँ अडबों का खेल होता होगा वहाँ कितने छेद होते होंगे और उस छेद से जनता के टेक्स के पैसे को बहा दिया जाता होगा  ? 


सवाल वही --निगरानी और सुधार करे कौन तथा दोषियों को सजा दे कौन ? 


शायद ये देश अभी और दुर्दशा झेलने को मजबूर है ...फ़िलहाल तो  वित्त  मंत्रालय की कार्यप्रणाली  को संदेहास्पद ही  कहा जा सकता है ..? जिसकी जाँच गंभीरता से करने की जरूरत है |



यहाँ यह भी बताना जरूरी है की राकेश सिंह जी ने देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सैकरों पन्नों के सबूतों के साथ अपनी शिकायत भेजी है | लेकिन 40 दिनों बाद भी इस देशभक्त और इमानदार नागरिक को कोई जवाब नहीं मिला है | दुःख इस बात का सबसे ज्यादा है की देश का  राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी देश की व्यवस्था को सुधारने   के प्रति गंभीर नहीं हैं ,ऐसे में एक इमानदार नागरिक के पास उपाय क्या  है ..अथक देशभक्ति भरे प्रयासों के बाद मिलती है बेबसी और लाचारी ...?

Sunday, August 8, 2010

अलविदा दोस्तों.....अब सिर्फ ब्लॉग लिखने की नहीं बल्कि अपने खून से इस देश और समाज के तक़दीर को लिखने की जरूरत है ...?




मैं ऐसे राष्ट्रपति से प्रेरित हूँ जिन्होंने कर्तव्य को निभाने में ईमानदारी अपनाते वक्त अपने बच्चों के भविष्य क़ी भी चिंता नहीं क़ी और भ्रष्टाचार से एक रुपया भी नहीं जमा किया इनको कहते हैं सच्चा लोक सेवक |

अलविदा दोस्तों मैंने शुरुआत की है अपने खून से इस देश और समाज के तक़दीर को लिखने की क्योंकि अब अगर हमने अपने जान की परवाह की तो इंसानियत ही नहीं बचेगी | फिर इस जान की जरूरत ही खत्म हो जाएगी | मैंने ऐसा किसी अभाव में नहीं बल्कि देश में भ्रष्टाचार और बेईमानी के चरम सीमा पे पहुँचने के कारण किया है | इस देश में निगरानी ,सुधार और दोषियों को सजा देने की सारी प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है | व्यवस्था पूरी तरह सड़ चुकी है और इसे सड़ाने वाले मंत्री जैसे सम्माननीय पदों पर बैठकर भ्रष्टाचार और बेईमानी को पोषण और संरक्षण दे रहें हैं | मैंने कुछ भ्रष्ट मंत्रियों के नाम देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों को इ.मेल से भेजा है और अगर इनपर कार्यवाही नहीं हुयी तो 08/09/2010 को मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर लूँगा | क्योंकि मुझे जीने का अधिकार है लेकिन ईमानदारी और अच्छाई से अगर मेरे इस अधिकार का हनन ज्यादातर देश के मंत्री ही कर रहें हों तो जीने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है | मैंने इस देश के लाखों लोगों के दुखों का अध्ययन किया है और पाया है की उनके दुखों का कारण सिर्फ और सिर्फ ये भ्रष्ट मंत्री और इनके द्वारा दोषियों को सजा देने की व्यवस्था को खत्म कर देना ही प्रमुख कारण है  | अतः इनके खिलाप हर-हाल में कार्यवाही को मैंने अपने जान से भी जोड़ दिया है ,आप सब से भी आग्रह है की आप मेरे इस नेक काम में मेरा हौसला बढ़ाने का प्रयास करें और हो सके तो अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर मुझ जैसा ही कदम उठायें | आपके द्वारा उठाये गये निडरता भरे क़दमों से भी कम से कम प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को कुछ ईमानदारी भरा करने की प्रेरणा मिले |

आज मैंने 03:16 मिनट दोपहर में निम्नलिखित इ.मेल के पते पर भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति को इ.मेल किया है वह आप लोगों के लिए भी यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ ...












topresidentofindia@rb.nic.in,
pmosb@pmo.nic.in,
vpindia@sansad.nic.in

आदरणीय राष्ट्रपति महोदया,प्रधानमंत्री महोदय तथा उपराष्ट्रपति महोदय
सादर नमस्कार ,

विषय-अगर आप लोगों ने इमानदार संसद सदस्यों,समाज सेवकों और इमानदार IAS , IPS और IRS  के संयुक्त जाँच समिति द्वारा इन निम्नलिखित मंत्रियों के भ्रष्टाचार की जाँच नहीं करायी तो मैं यह मान लूँगा की इस देश में ईमानदारी और सत्यमेव जयते के लिए कोई जगह नहीं बचा है....अतः मैं यह भी मान लूँगा की मुझे मिले सच्चाई और ईमानदारी से जीने के अधिकार को इन मंत्रियों के शर्मनाक भ्रष्टाचार ने बाधित किया है और मुझे तथा मुझ जैसे अन्य लोगों को भ्रष्टाचार और बेईमानी को अपनाने के लिए विवश भी करने का प्रयास किया है | लेकिन मैं एक ऐसा इंसान हूँ जो किसी भी काम को करने के बाद उसकी जाँच देश के सभी  इमानदार नागरिकों से कराने को तो तैयार हूँ लेकिन भ्रष्टाचार और बेईमानी के सहारे अपने और ना ही अपने बच्चों के जीवन के रक्षा को किसी भी हाल में तैयार नहीं हूँ | अतः अगर आप लोगों ने इन आरोपित मंत्रियों के विभागों में इनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की न्यायसंगत और तर्कसंगत आधार पर ईमानदारी से जाँच कराकर इनको सजा नहीं दिया तो मैं आज से ठीक तीस दिनों बाद अपनी जीवन लीला समाप्त कर लूँगा | इनके द्वारा लूटा जा रहा पैसा इनका नहीं है बल्कि उस गरीब का भी है जो एक माचिस की खरीद पर पाँच पैसे के टेक्स के रूप में सरकारी खजाने को देता है | मेरे इस आग्रह पर अगर आपने अपने पद की परवाह किये वगैर ईमानदारी से कार्यवाही किया तो आप एक इमानदार इंसान की जान बचाने के साथ-साथ इस देश और समाज को भी बचाने का प्रयास करेंगे |

महोदय एवम महोदया ,


मैं एक बेहद इमानदार और अपने इंसान होने के सभी कर्तव्यों को अपने जान की परवाह किये वगैर निर्वाह करने वाला व्यक्ति हूँ | मेरे इस कथन की सत्यता के लिए कोई भी व्यक्ति मेरे कार्यों और मेरे व्यवहार की जाँच कभी भी कर सकता है | मैंने हमेशा कोशिस की है  हर व्यक्ति को इंसान बनाने की | लेकिन आज देश के कुछ मंत्री भ्रष्टाचार और बेईमानी का इतना नंगा खेल खेल रहें हैं की इंसानियत को  जिन्दा रखना मुश्किल हो गया है तथा इन मंत्रियों ने ना सिर्फ अपने पदों का दुरूपयोग किया है बल्कि लोगों को भ्रष्ट और बेईमान बनाने के साथ-साथ देश में निगरानी ,सुधार और दोषियों को सजा देने की प्रक्रिया को भी अपने प्रभाव से खत्म करने का जघन्य अपराध किया है | ये सिर्फ भ्रष्टाचारी ही नहीं बल्कि हैवान हैं और इनके कुकर्मों की सजा के लिए इनकी ब्रेनमेपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट कराकर इनके कुकर्मों की जाँच कर इनको सरेआम फांसी की सजा दी जाय | अगर मेरे आरोप इनकी ब्रेनमेपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट जो की इमानदार समाज सेवकों और इस देश के इमानदार जजों के सामने कराया जाय के बाद झूठा साबित हो तो मुझे सरेआम फांसी पर चढ़ा दिया जाय | इसके लिए मैं शपथ -पत्र भी लिख रहा हूँ  |

                            
                     शपथ-पत्र
मैं जय कुमार झा,पिता-स्वर्गीय श्याम सुन्दर झा ,निवासी -वर्तमान पता -127 ,DDA ,HIG ,SECTOR A -5 ,पॉकेट -13 ,नरेला,दिल्ली-40 ,स्थायी पता-AT.+PO . -श्रीखंडी -भिट्ठा ,भाया-सुरसंड,जिला-सीतामढ़ी,(बिहार),मोब-09810752301 ,अपने पूरे होशो हवास और अच्छी सोच के अनुसार सोचकर निम्नलिखित मंत्रियों को अपराधी,घोरभ्रष्टाचारी और इंसानियत का दुश्मन कह रहा हूँ | अगर मेरे आरोपों  की इमानदार समाजसेवकों तथा जजों के सामने  इन मंत्रियों के ब्रेनमेपिंग व लाई डिटेक्टर टेस्ट के बाद भी सत्यता प्रमाणित नहीं हुयी तो मैं ख़ुशी-ख़ुशी फांसी पर चढ़ जाऊंगा | मुझे दुःख के साथ-साथ शर्म भी महसूस हो रहा है की ऐसे लोग हमारे देश के मंत्री पद को बदनाम करते हुए हमारे देश के मंत्री पद पर विराजमान हैं | इन मंत्रियों के वजह से पूरे देश में भ्रष्टाचार को बढ़ने में प्रेरणा मिली है | मैं किसी पार्टी से नहीं जुड़ा हूँ और ना ही जुड़ने की इक्षा है | मैं सामाजिक आंदोलनों और पारदर्शिता के लिए लड़ाई तथा भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ाई के सभी आंदोलनों से जुड़ा हुआ हूँ तथा मेरी हार्दिक इक्षा है की सामाजिक जाँच हर सरकारी खर्चों और घोटालों के जाँच के लिए आवश्यक हो | इन मंत्रियों को तुरंत पदों से तब तक के लिए हटा दिया जाय जब तक इनके खिलाप जाँच पूरी ना हो जाय  | मेरे द्वारा आरोपित मंत्री हैं ---

1 -शरद पवार (कृषि मंत्री)
2 -शिला दीक्षित (मुख्यमंत्री दिल्ली)
3 -अरविंदर सिंह लवली(परिवहन व शिक्षा मंत्री दिल्ली)
4 -राज कुमार चौहान(मंत्री PWD दिल्ली)
5 - एस. जयपाल रेड्डी ( शहरी विकाश मंत्री )

इन सभी मंत्रियों के विभागों में शर्मनाक भ्रष्टाचार और आम नागरिकों के प्रति आपराधिक स्तर की असम्बेदंशिलता है और सबसे गंभीर बात यह है की इन मंत्रियों द्वारा भ्रष्टाचार को  पोषण और संरक्षण दिया जा रहा है |

आशा है आपलोग पदों से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर उपर्युक्त मंत्रियों को पदों से हटाकर उनके खिलाप ईमानदारी भरा जाँच करवाकर उनको उनके पदों के दुरूपयोग तथा आपराधिक स्तर के भ्रष्टाचार की सजा जरूर देंगे | अन्यथा यह मेरा अंतिम आग्रह तो होगा ही |

सत्यमेव जयते ,ईमानदारी और देशभक्ति की रक्षा तब की जा सकती है जब पद और जान की परवाह ना की जाय ,हमने शुरुआत की है आगे देखतें हैं लोग क्या करतें हैं ...आप लोगों का सार्थक जवाब व ईमानदारी भरी कार्यवाही इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है |

                 आशा है आप लोग कुशल होंगे ,आपका -जय कुमार झा
                     दिनांक-08 /08 /2010 ,नरेला,दिल्ली 

अंत में मैं आप सभी ब्लोगरों से बताना चाहूँगा की अगर राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा भी कुछ नहीं किया जाता है भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था को रोकने के लिए तो मुझे जीने की कोई इक्षा नहीं रह जाएगी और 08/09 /2010 को भ्रष्टाचार के खिलाप मेरी मौत का जिम्मेवार इन तीनो पदों पर बैठे व्यक्ति ही होंगे | मैं अगर जिन्दा ना भी रहा लेकिन मेरी मौत इस देश में भ्रष्टाचार के खिलाप आन्दोलन को एक अंतिम लड़ाई तक पहुंचा सका तो मैं अपने मौत को सार्थक समझूंगा |